गाँधी जयंती
आँखों पर चश्मा, हाथ में लाठी और चेहरे पर मुस्कान, दिल में था उनके हिंदुस्तान। हमको सही मार्ग दिखाया, सत्य और अहिंसा का पाठ पढ़ाया। राष्ट्रपिता वे कहलाते थे, हमारे प्यारे बापू थे।
2 अक्टूबर एक खास दिन है, इसमें एक इतिहास छिपा है। इस दिन जन्मे थे गाँधी जी, हुआ दुनिया में अद्भुत प्रकाश। सीधा सादा वेश तुम्हारा नहीं कोई अभिमान, एक लाठी के दम पर तुमने भारत माँ को आज़ाद कराया, रखी देश की शान।
वे थे निस्वार्थ, शांत, निडर और निश्चिंत जीवन जीने वाले एक महान व्यक्ति, उच्च नैतिक मूल्यों और पारस्परिक कौशल की मिसाल। लोगों को सच्चाई, सत्याग्रह का कठिन मार्ग पढ़ने वाले, दुनिया भर में नागरिक अधिकारों और स्वतंत्रता के लिए भारत छोड़ो आंदोलन को बढ़ावा देने वाले । ईमानदार और सबके प्यारे, हमारे बापू मीत हमारे।
सच्चाई का लेकर शस्त्र और अहिंसा का लेकर अस्त्र, लोगों के मन से अंधकार मिटाया, बापू ने सबको यही सिखाया।
गांधीजी का चश्मा अद्भुत व निराला, देखा जिसने स्वतंत्र भारत का भविष्य उजियाला। गांधीजी के चश्मे ने देखी कई अनोखी बातें, नहीं भूल सकते इस दिन को, इसमें तिरंगे की शान हैं। इसमें तिरंगे की शान हैं।
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